बेजुबानो का दर्द सुनेगा कौन ! धमधा घोटवानी में भूख प्यास से तड़प-तड़प कर मर रही गायें कि मौत के ज़िम्मेदारो पर कब होंगी कार्यवाही पूछता है बेज़ुबान
घोंटवानी :- विकासखंड धमधा से ग्राम पंचायत घोटवानी में लापरवाही के चलते गौवंश भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे है। गौठन की बद से बदतर हालात पर सरकारी कारिंदे मौन हैं। वही गौठान में मृत गौवंश खुले में सड़ते मिलने की खबर आती रहती है मैदान में गौवंशों को कुत्तो ने मार कर अपना शिकार बना डालने की भी इस तरह की खबरें किसी से छुपी नही है।ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गौठन की एक-एककर सच बतातें है। ग्रामीण बताते हैं कि आये दिन पांच दस से अधिक गायों की मौत गौठन में होती है। गौवंशो को खुले गड्डों में प्रधान व उनके प्रतिनिधियों द्वारा सड़ने के लिये भेज दिया जाता। यह गौवंशो की हालत देखकर किसी भी पशु प्रेमी का दिल दहल उठेगा। यहां पशु चिकित्सक, प्रशासन व प्रधानों और सचिवों लापरवाही के चलते भूख और प्यास से तड़प- तड़पकर बेजुबान गाय दम तोड़ रही है। लापरवाही की हद तो तब पार हो रही है जब गाय को चील कौवे और कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी व पंचायत प्रधान का अभी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मृत गौवंशो को प्रधान व पशु चिकित्सक बिना पोस्टमार्टम कराये फैकवा देते है। गौठन में भूख से परेशान बेजुबान गोवंश तड़प-तड़पकर मौत को गले लगा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में सरकार के बदलते ही गौठन जैसे की योजनाओं को बंद कर दिया गया है इसके बावजूद भी ग्रामीण गायों को गौठन में भरकर रखा है ग्राम पंचायत घोटवानी गौठन में कार्यरत कर्मचारी गंगाराम वर्मा ने बताया की चार पानी न होने के कारण लावारिस मवेशी गौववंश की मौत हो रही है जिसकी जानकारी मैं ग्राम पंचायत सरपंच ,सचिव को दे दिया हूं लेकिन बड़ा सवाल यहां उठना है की जानकारी के बाद भी सचिव सरपंच ने इस पर अमल क्यों नहीं किया सचिव सरपंच के लापरवाही के चलते लगभग 8,10 मवेशियों ने अपना जान गवा दिया है। घरों में सुबह की पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है यह परंपरा हमारे यहां सदियों से चली आ रही है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार गायों की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है!हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। इसके अलावा गाय को देव तुल्य भी माना गया है। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है, कि गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं का वास होता है प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि से लेकर बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के यहां भी गायों को पाला जाता रहा है, और जब हम पहली रोटी गाय को खिलाते हैं, तो सभी देवी देवताओं को भोग लग जाता है। ऐसा करने से सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है ! धर्म शास्त्रों में ऐसा माना गया है, कि आप भगवान को भोग लगाएं या गाय माता को पहली रोटी खिलाएं दोनों का फल एक समान ही होता है।
ग्राम पंचायत घोटवानी में भुख प्यास से तड़प तड़पकर मौत को गले लग रही उनके जुबान गायों को देखकर शैतान कभी करेजा पिघल जाएगा लेकिन प्रधान और सचिव का करेजा नहीं पिघलता बेजुबान गायों के मरने की सिलसिला जारी है ग्रामीण ने बताया कि भूख प्यास गाय मर रही है। देखना यह होगा कि प्रशासन नींद से कब जागेगा भी या कुंभकार की निद्रा में सोए रहेगी।