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खैरागढ़ विश्वविद्यालय : ‘गगन दमामा बाज्यो’ और चित्रकला प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान, स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर्षोल्लास से शामिल हुआ विश्वविद्यालय परिवार 

सहमति-असहमति का सम्मान करते हुए रचनात्मक ढंग से हो विश्वविद्यालय का विकास : कुलपति ममता चंद्राकर

खैरागढ़ विश्वविद्यालय : ‘गगन दमामा बाज्यो’ और चित्रकला प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान, स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर्षोल्लास से शामिल हुआ विश्वविद्यालय परिवार

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। 14 अगस्त की शाम जहाँ शानदार देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां हुईं, तो वहीँ ‘गगन दमामा बाज्यो’ जैसे प्रभावोत्तेजक नाटक का मंचन हुआ। 15 अगस्त की सुबह विश्वविद्यालय के संस्थापक राजा बीरेंद्र बहादुर सिंह, रानी पद्मावती देवी सिंह और राजकुमारी इंदिरा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। चित्रकला विभाग द्वारा लगाई गयी देशभक्ति पर आधारित प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति पद्मश्री डॉ ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के द्वारा ध्वजारोहण किया गया, जिसके बाद राष्ट्रगान हुआ। कुलसचिव, समस्त अधिष्ठातागण के द्वारा कुलपति का स्वागत किया गया। इस अवसर पर शिक्षक संघ, संगतकार संघ, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ तथा विद्यार्थी प्रतिनिधियों के द्वारा भी कुलपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान किया गया।

कुलपति डॉ चंद्राकर ने अपने सम्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का स्मरण करते हुए कहा कि महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, लाला लाजपत राय, शहीद वीर नारायण सिंह, पंडित सुंदर लाल शर्मा जैसे अनगिनत वीर सपूतों की वज़ह से आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। कुलपति ने दुर्ग, बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में एक-एक नवीन संगीत महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजधानी रायपुर में खैरागढ़ विश्वविद्यालय के एक अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद प्रकट किया। उन्होंने समयमान-वेतनमान की स्वीकृति सहित कर्मचारीहित में लिए गए अन्य निर्णयों के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

कुलपति डॉ चंद्राकर ने अपने संबोधन में राज्य और राष्ट्रीय स्तर अपनी प्रतिभा दर्ज कराते हुए विश्वविद्यालय की पहचान बनाने वाले विद्यार्थियों और युवा कलाकारों को बधाई दी, साथ ही अपनी उपलब्धियों से विश्वविद्यालय को गौरवान्वित करने वाले शिक्षकों डॉ दिवाकर कश्यप, डॉ योगेंद्र चौबे, डॉ हरि ॐ हरि, डॉ लिकेश्वर वर्मा, प्रो डॉ नीता गहरवार, डॉ एस मेदिनी होम्बल, डॉ रबिनारायण गुप्ता और डॉ दीपशिखा पटेल आदि के प्रति साधुवाद प्रकट किया। कुलपति ने कहा कि हम सभी जाति-धर्म से ऊपर उठकर सहमति-असहमति का सम्मान करते हुए विश्वविद्यालय को रचनात्मकता के साथ ऊपर उठाएं। इस अवसर पर प्रो डॉ नमन दत्त के निर्देशन में विद्यार्थियों ने देशभक्तिपरक गीतों की जीवंत प्रस्तुतियां दी। अंग्रेजी विभाग द्वारा तैयार प्रोसीडिंग बुक ‘द ट्राइबल डिस्कोर्स’ का कुलपति के कर-कमलों से विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो डॉ राजन यादव ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो डॉ आईडी तिवारी, सुविख्यात फिल्म डायरेक्टर और कला मर्मज्ञ प्रेम चंद्राकर विशेष रूप से मौजूद थे। समस्त अधिष्ठातागण, विद्यार्थी, शोधार्थी, अधिकारी, कर्मचारी समेत पूरा विश्वविद्यालय परिवार हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम में शामिल हुआ।

आकर्षक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां

आज़ादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रंगमंडल नाट्य विभाग द्वारा मंचित नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ को खूब सराहना मिली। देशभक्ति पर आधारित इस नाटक को हिंदी फिल्मों के जाने-माने कलाकार पीयूष मिश्रा ने लिखा है, जबकि संगीतकार संजय उपाध्याय हैं। खैरागढ़ विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के प्रमुख डॉ योगेंद्र चौबे के निर्देशन में 40 कलाकारों की टीम ने इसका मंचन किया। इसके पूर्व संगीत संकाय के विद्यार्थियों प्रो डॉ नमन दत्त के निर्देशन में देशभक्ति पर आधारित लोकप्रिय गीतों की दिलचस्प प्रस्तुति दी। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्र भारत तक की यात्रा के दौरान घटी महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी ने भी दर्शकों का खूब ध्यान खींचा।

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