[the_ad id="217"]

खैरागढ़ :: इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पहुंचे सिरपुर, पुरातात्विक महत्व की जानकारी मिली

खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पहुंचे सिरपुर, पुरातात्विक महत्व की जानकारी मिली

 

 

खैरागढ़। विगत दिवस सोमवार को एम ए प्रथम वर्ष एवं एम ए चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने कुलपति मोक्षदा चंद्राकर (पद्मश्री से सम्मानित) , कुलसचिव प्रोफ़ेसर आईडी तिवारी के प्रोत्साहन एवं सहयोग से डॉक्टर मंगलानंद झा सहायक प्राध्यापक , प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शन में शैक्षणिक यात्रा के अंतर्गत आरंग एवं सिरपुर की यात्रा संपन्न किया। आरंग एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जहां छत्तीसगढ़ प्रदेश का इकलौता प्राचीन जैन मंदिर सुरक्षित है जो भांड देवल के नाम से प्रसिद्ध है। लगभग १२ वीं श.ई.में निर्मित यह मंदिर भूमिज शैली की है। मंदिर की निर्माण शैली एवं शिल्पांकित प्रतिमा की अध्यन से विद्यार्थी अत्यंत उत्साहित हुए। सिरपुर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरातात्विक स्थल है , जिसका संबंध महाभारत काल से माना

जाता है। यहां शैव, वैष्णव, बौद्ध एवं जैन सम्प्रदाय से संबंधित पुरातात्विक अवशेषों की बहुलता है। यहां स्थित लक्ष्मण मंदिर अपनी निर्माण शैली के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। लक्ष्मण मंदिर को महाशिवगुप्त बालार्जुन की माता रानी वासटा ने अपनी पति हर्षगुप्त के स्मृति में बनवाया था, जिसका विवरण सिरपुर से प्राप्त अभिलेख में प्राप्त होता है। राजमाता वासटा मगध नरेश सूर्यवर्मा की पुत्री थी। लगभग सातवीं श.ई.में निर्मित इस मंदिर का अलंकरण एवं प्रतिमाएं अवलोकनीय है। परिसर में स्थित संग्रहालय का भी अवलोकन एवं अध्ययन विद्यार्थियों द्वारा किया गया। सिरपुर में स्थित तीवरदेव महाविहार, सुरंगटीला, गंधेश्वर महादेव मंदिर में स्थित प्रतिमाओं का विद्यार्थियों ने भली भाति अवलोकन एवं अध्ययन किया। इस एकदिवसीय अध्ययन यात्रा में डॉ.मंगलानंद झा, डॉ. चैन सिंह नागवंशी ,कल्याणी चंद्राकर ,शीतल निषाद ,हुनेश्वरी जंघेल, विजय कुमार रजक ,वर्षा यादव, ज्योति गुप्ता, लक्ष्मी नारायण इत्यादि सम्मिलित थे ।

Facebook
Twitter
WhatsApp

Leave a Reply

[the_ad id="219"]
POLL
What does "money" mean to you?
  • Add your answer
BREAKING NEWS
LIVE CRICKET