फर्जी पत्रकारों की धमकियों से त्रस्त सरपंच–सचिव: दीपावली से पहले अवैध वसूली का धंधा तेज
केसीजी जिले में बढ़ रही फर्जी पोर्टलों की ब्लैकमेलिंग गतिविधियाँ, सरपंच संघ और पत्रकार संघ ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की
सरस्वती संकेत समाचार खैरागढ़.
दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही जहां गांव–गांव में रौनक बढ़ रही है, वहीं केसीजी जिले के सरपंच और पंचायत सचिवों के चेहरों पर चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं। वजह है — कुछ तथाकथित पत्रकार, जो छोटे–छोटे वेब पोर्टलों और फर्जी प्रेस कार्डों के सहारे पंचायत प्रतिनिधियों से धन उगाही में जुट गए हैं। ये लोग “दिवाली विज्ञापन” और “त्योहार खर्च” के नाम पर हजारों रुपये की मांग कर रहे हैं, और न देने पर पंचायत के खिलाफ खबर छापने की धमकी देते हैं।
वेब पोर्टलों से शुरू हुई वसूली की चेन
जिले के कई सरपंचों ने बताया कि रायपुर से संचालित कुछ वेबसाइटें पंचायतों के नाम से फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर रही हैं। इन विज्ञापनों के बदले में यूपीआई बारकोड भेजकर रकम की मांग की जाती है। पैसा न देने पर पोर्टल संचालक “भ्रष्टाचार उजागर करने” जैसी धमकी भरे संदेश भेजते हैं। सरपंचों का कहना है कि ये लोग खुद को खैरागढ़ का पत्रकार बताते हैं, जबकि उनका कोई स्थानीय दफ्तर नहीं है और न ही किसी मान्यता प्राप्त संगठन से जुड़ाव। कई तो झूठा पता बताकर गांव–गांव घूम रहे हैं और मिठाई खर्च या दिवाली गिफ्ट के नाम पर रकम ऐंठ रहे हैं।
खैरागढ़ की पत्रकारिता की छवि को नुकसान
सरपंचों का कहना है कि ऐसे लोगों के कारण खैरागढ़ के असली पत्रकारों की साख को ठेस पहुंच रही है। वर्षों से जनहित में कार्य कर रहे पत्रकारों की मेहनत पर फर्जी पत्रकारों की ब्लैकमेलिंग की परछाई पड़ रही है। ग्राम पंचायत मंडला, सलोनी और कटंगी क्षेत्र के सरपंचों ने बताया कि कुछ युवक अपने मोबाइल में न्यूज पोर्टल खोलकर कहते हैं — देखिए, आपकी खबर लगी है और फिर रुपये की मांग करते हैं, जबकि पोर्टल पर पंचायत से जुड़ी कोई वास्तविक खबर होती ही नहीं।
ऑनलाइन वसूली का नया तरीक
कई पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि कुछ फर्जी पत्रकार यूपीआई बारकोड भेजकर ऑनलाइन वसूली कर रहे हैं। न गांव आए, न मुलाकात की, फिर भी कहते हैं कि आपकी खबर छापी है — अब विज्ञापन दो।ऐसी शिकायतें खैरागढ़, छुईखदान और गंडई क्षेत्रों से लगातार मिल रही हैं। जिले के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि यदि यह प्रवृत्ति नहीं रुकी तो पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारी पत्रकारों से दूरी बनाने लगेंगे, जिससे ग्रामीण मुद्दे मीडिया से गायब हो जाएंगे।
मिठाई के नाम पर भी वसूली जारी
कई सरपंचों ने बताया कि कुछ लोग दीपावली की शुभकामना देते हुए कहते हैं — “साहब, इस बार मिठाई खर्च दे दीजिए।” यह सिलसिला हर साल बढ़ता जा रहा है और अब यह एक तरह की “त्योहारी वसूली” का रूप ले चुका है।
पत्रकार संघ ने किया सतर्क रहने का आग्रह
केसीजी जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह गौर ने कहा कि ऐसे लोग जो गांव–गांव घूमकर अवैध वसूली कर रहे हैं, वे पत्रकार नहीं बल्कि ब्लैकमेलर हैं। उन्होंने कहा कि असली पत्रकारिता का इन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। जो व्यक्ति या संस्था ऐसे लोगों के संपर्क में आए, वे सीधे पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।
उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकार संघ ऐसे तत्वों की जानकारी एकत्र कर रहा है ताकि भविष्य में पहचान के आधार पर लोगों को सतर्क किया जा सके।
सरपंच संघ ने दी चेतावनी
जनपद पंचायत खैरागढ़ के सरपंच संघ के अध्यक्ष दिलेश्वर यदु ने बताया कि दीपावली आते ही ऐसे फर्जी पत्रकार सक्रिय हो जाते हैं। कई बार ये बिना पहचान पत्र दिखाए पंचायतों में पहुंचते हैं और नकली विज्ञापन दिखाकर रुपये मांगते हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी सरपंचों को सतर्क किया है कि कोई भी व्यक्ति पत्रकार बनकर रुपये मांगे तो तुरंत स्थानीय पत्रकार संघ या पुलिस को सूचना दें।
उन्होंने यह भी कहा कि इन फर्जी गतिविधियों से पंचायत प्रतिनिधियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। प्रशासन यदि इस पर ध्यान दे तो वास्तविक पत्रकारिता की साख बची रह सकती है और सरपंच-सचिव निश्चिंत होकर अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।