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राज्य के निजी स्कूलों को, प्रायवेट प्रकाशकों की किताबें पाठ्यक्रम मे शामिल करने पर मिली सशर्त छूट

निजी स्कूलों को, प्रायवेट प्रकाशकों की किताबें पाठ्यक्रम मे शामिल करने पर मिली सशर्त छूट 

निजी विद्यालय कर सकेंगे, निजी पुस्तकों का प्रयोग, हाई कोर्ट ने दिया फैसला 

राज्य के 12 जिला शिक्षा अधिकारियो द्वारा दिए गए आदेश को दी गयी थी चुनौती 

सरस्वती संकेत समाचार –

माननीय छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्रायवेट स्कूल मैंनेजमेंट एसोसिएशन को निजी प्रकाशकों की कितबे चलाने की सशर्त छूट दी है, कोर्ट ने कहा की प्रायवेट स्कुल सीबीएसई द्वारा 12 अगस्त 2024 को जारी अधिसूचना के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कर सकेंगे निजी पुस्तकों का उपयोग

बता दें की रायपुर, बिलासपुर, सूरजपुर, खैरागढ़, राजनांदगाव समेत करीब 12 जिला शिक्षा अधिकारियो ने आदेश जारी कर गैर सरकारी स्कूलों को कक्षा 1 से 10 तक केवल सरकारी किताबों से अध्यापन कार्य कराने का आदेश जारी किया था, जिसे निजी विद्यालय संघ ने हाई कोर्ट मे चैलेज किया था

इससे पहले भी अगत 2024 मे माननीय हाई कोर्ट ने संघ को इस मामले मे स्टे दें रखा था, जिस पर आज पूर्ण फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति अरविन्द वर्मा की बेच ने निजी स्कूलों को प्रायवेट किताबें चलाने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी है एवं सभी जिला शिक्षा अधिकारियो द्वारा जारी आदेश निरस्त कर दिए है

राज्य के निजी स्कूल प्री-प्रयामरी से संचालित होते है, जिसकी किताबें सरकार द्वारा नहीं दी जाती है, साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए हमें निजी किताबों का सहारा लेना जरुरी होता है, इसलिए हमने DEO के आदेशों को कोर्ट मे चैलेज किया एवं जीता, हमारी जीत और कोर्ट का आदेश सिर्फ संघ से जुड़े स्कूलों पर लागु होगा, बाकि पर सरकार कार्यवाही करें, हम बीच मे नहीं आएंगे – राजीव गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, छ ग प्रा स्कुल मैंनेजमेंट एसोसिएशन रायपुर 

हमें पहले से ही कोर्ट से स्टे प्राप्त था, फिर भी जिला शिक्षा अधिकारियो द्वारा ऐसा आदेश जारी करना, कोर्ट के स्टे की अवमानना है, इसलिए हमने आदेशों को चैलेन्ज किया और न्याय मिला,हमारी जीत और कोर्ट का आदेश सिर्फ संघ से जुड़े स्कूलों पर लागु होगा, बाकि पर सरकार कार्यवाही करें, हम बीच मे नहीं आएंगे — राजेंद्र सिंह चंदेल, जिलाध्यक्ष खैरागढ़-छुईखदान-गंडई 

हम बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते है, इसलिए कुछ निजी पुस्तकों का प्रयोग करते है, प्री – प्रयामरी कक्षाओं की किताबें सरकार नहीं देती, 1 से 10 तक की किताबें भी दर्ज के अनुरुप समय पर नहीं मिलती, कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे – कृष्ण कुमार सोनी, प्रदेश सह सचिव, छ ग प्रा. स्कूल मैंनेजमेंट एसोसिएशन रायपुर 

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