सफलता के लिए सकारात्मक बदलाव जरूरी- एडीजे कश्यप
खैरागढ़:- जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। लेकिन आपको किस क्षेत्र में सफलता हासिल करनी है इसकी शुरुआत आपसे ही होती है। इसलिए सबसे पहले खुद में सकारातमक बदलाव लाएं। उक्त बातें शुक्रवार को न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) खैरागढ़ में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में कही।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं अध्यक्ष आलोक कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) खैरागढ़ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथिगण द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में मतदाता जागरूकता अंतर्गत नुक्कड़ नाटक, एनएसएस, रंगोली कार्यक्रम में शामिल छात्रअध्यापकों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र एडीजे कश्यप के द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में चन्द्र कुमार कश्यप अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति खैरागढ़ ने पोक्सो एक्ट के संबंध में बताते हुए कहा कि नाबालिग के साथ प्रेम व सहमति से यौन संबंध बनाने की स्थिति में भी पॉक्सो क़ानून लागू होगा। ऐसे मामलों में क़ानून की जानकारी न होने की दलील के आधार पर अदालत ऐसे मामलों में सज़ा में किसी तरह की राहत नहीं दे सकतीं । युवाओं को उचित मार्गदर्शन और सज़ा की जानकारी न होने के कारण वे अपना जीवन और करिअर दोनों बर्बाद कर रहे है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाली पीढ़ियों को अनजाने में किये अपराध के परिणामों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। खासकर स्कूलों और कॉलेजों में इन क़ानूनों के बारे में जागरूकता पैदा करना जरूरी है।
एडीजे कश्यप ने मोटर यान अधिनियम के संबंध में छात्रअध्यापकों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि बिना हेलमेट वाहन न चलाने, गाड़ी का बीमा अवश्य होना चाहिए, ड्राइविंग लाइसेंस, शीट बेल्ट का उपयोग, शराब के नशे में वाहन न चलाने, दो वाहनो के बीच निश्चित दूरी रखने, दाये-बाये देखकर चलने, दोपहिया वाहनों में तीन सवारी नहीं बैठाने, वाहन चलाते मोबाइल का उपयोग नहीं करने एवं यातायात के संकेतों का पालन करना चाहिए। साथ ही कोई भी सेकंड हैंड मोबाइल या बाइक खरीदते हैं तो उसका पूरा कागजात अवश्य होना चाहिए इस सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
शिविर में व्यवहार न्यायाधीश गुरु प्रसाद देवांगन के द्वारा छात्रअध्यापकों को संबोधित करते हुए विधिक सहायता एवं प्रिलिटिगेशन के बारे में बताते हुए कहा कि न्यायालयों में निपटारे के लिए नियत सामान्य प्रक्रिया के साथ-साथ वैकल्पिक विवाद समाधान के कई अन्य तरीके भी हैं जिनके माध्यम से हम विवादों का शीघ्र एवं सुलभ निराकरण करवा सकते हैं, साथ ही मध्यस्थता की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अगर आपसी समझौते से विवाद सुलझ सकें तो उसको प्राथमिकता देना चाहिए। हमारे द्वारा अपने छोटे-छोटे विवादों को आपस में सुलझाकर समय ऊर्जा व धन का सही दिशा में उपयोग किया जा सकता है। उत्तराधिकार अधिनियम, लोक अदालत योजना, जनोपयोगी सेवाओं के तहत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं जैसे सड़क, पानी, बिजली, टेलीफोन, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, यातायात आदि के संबंध में कोई विवाद होने पर प्रार्थना पत्र लोक अदालत में प्रस्तुत किया जा सकता है जहां आपसी समझाइश के माध्यम से विवाद का निस्तारण किया जाता है।
एडीजे कश्यप ने विभिन्न उदाहरणों से सशक्तीकरण और समाज मे गरिमामय जीवन जीने की प्रेरणा दी। पैरालीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने साइबर अपराध, नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता व नालसा टोल फ्री नंबर 15100 आदि के संबंध में बताया ताकि कोई भी कानूनी समस्या होने पर वह कभी भी किसी भी समय बेहिचक फोन करके अपनी समस्याओं के लिए विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता के.के. वर्मा और आभार डॉक्टर मकसूद खान ने व्यक्त किया।
उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने संस्था प्राचार्य के. व्ही. राव के मार्गदर्शन में व्याख्यातागण डिंपल ठाकुर, क्रांति चंद्राकर सहित समस्त छात्र अध्यापक उपस्थित रहे।