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सामग्री: कुशा, कुशा का आसन, काली तिल, गंगा जल, जनैउ, ताम्बे का बर्तन, जौ, सुपारी, कच्चा दूध.

श्राद्ध विधि

सामग्री: कुशा, कुशा का आसन, काली तिल, गंगा जल, जनैउ, ताम्बे का बर्तन, जौ, सुपारी, कच्चा दूध.

सबसे पहले स्वयं को पवित्र करते हैं जिसके लिए खुद पर गंगा जल छिड़कते हैं उसके उपरांत कुशा को अनामिका (रिंग फिंगर) में बाँधते हैं. जनेऊ धारण करे, ताम्बे के पात्र में फूल, कच्चा दूध, जल ले अपना आसान पूर्व पश्चिम में रखे व कुशा का मुख पूर्व दिशा में रखे हाथों में चावल एवं सुपारी लेकर भगवान का मनन करे उनका आव्हान करें.

दक्षिण दिशा में मुख कर पितरो का आव्हान करें, इसके लिए हाथ में काली तिल रखे. अपने गोत्र का उच्चारण करें साथ ही जिसके लिए श्राद्ध विधि कर रहे हैं उनके गोत्र एवम नाम का उच्चारण करें और तीन बार तर्पण विधि पूरी करें अगर नाम ज्ञात न हो तो भगवान का नाम लेकर तर्पण विधि करें.

तर्पण के बाद धूप डालने के लिए कंडा ले, उसमें गुड़ एवम घी डाले. बनाए गए भोजन का एक भाग धूप में दे उसके अलावा एक भाग देवताओं, गाय, कुत्ते, कौए, पीपल के लिए निकाले. इस प्रकार भोजन की आहुति के साथ विधि पूरी की जाती ह. 20 सितम्बर को प्रतिपदा का श्राद्ध है.

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