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नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गडई: उद्घाटन समारोह की क्षेत्र में जितनी चर्चा, उससे अधिक चर्चा राजनीतिक गलियारों में समारोह के आमंत्रण पत्र की

खैरागढ़। नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गडई जिले के उद्घाटन समारोह की क्षेत्र में जितनी चर्चा है, उससे कहीं अधिक चर्चा राजनीतिक गलियारों में समारोह के आमंत्रण पत्र को लेकर हो रही है। न सिर्फ भाजपा नेता, बल्कि के कांग्रेसी नेता भी नाराजगी की सूची में शामिल है।

भाजपा नेता विक्रांत सिंह के नाम को कार्ड में तर्जीह नहीं मिलने की वजह से भाजपा कार्यकर्ता नाराज है। क्योंकि वह जिपं उपाध्यक्ष होने के अलावा स्थानीय स्तर पर भाजपा के बड़े नेता है। विक्रांत नगर पंचायत, नगर पालिका और जनपद पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी का गरिमा बढ़ा चुके है। जबकि पूर्व विधयाक की बात करें तो, भाजपा से दो बार के खैरागढ़ विधायक व संसदीय सचिव रहे कोमल जंघेल का नाम भी आमंत्रण पत्र से गायब है।

लिहाजा भाजपा कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है। भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया में जमकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। गौरतलब है कि फतेह मैदान में 3 सितंबर को आयोजित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के उद्घाटन समारोह के लिए जिला प्रशासन द्वारा छापवाए गए आमंत्रण पत्र में सीएम भूपेश बघेल को मुख्य अतिथि बनाया गया है। अध्यक्षता में मंत्री अमरजीत भगत करेंगे।

विशिष्ट अतिथि में मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सीएम व विधायक डॉ रमन सिंह सहित अविभाजित राजनांदगांव जिले सभी विधायकों का नाम विशिष्ट अतिथि की सूची में शामिल है। इसके अलावा सरकार से मंत्री दर्जा प्राप्त धनेश पाटिला, गिरिश देवांगन, तेज कुंवर नेताम, जितेन्द्र मुदलियार, नवाज खान और विवेक वासनिक सहित खैरागढ़, छुईखदान और गंडई के नगर पालिका, नगर पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों का नाम भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल है।आमंत्रण कार्ड का सार्वजनिक होते ही राजनीतिक तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। लिहाजा जिला प्रशासन और कांग्रेस संगठन डैमेज कंट्रोल में जुट गए है।

कांग्रेस के शेडो विधायक भी उपेक्षा का शिकार

खैरागढ़ शेडो विधायक गिरवर जंघेल के नाम को भी आमंत्रण पत्र में तर्जीह नहीं मिली है। कांग्रेस सरकार ने 2018 चुनाव के बाद सत्ता में आते ही विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करने वाले गिरवर जंघेल को शेडो विधायक दर्जा दिया है। इसके अलावा वे पूर्व विधायक भी रह चुके है। इस लिहाज से भी उनका नाम आमंत्रण पत्र में से गायब होना बड़ी बात है। लिहाजा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से पार्टी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों में नाराजगी है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष का नाम भी गायब

आमंत्रण पत्र देखकर नाराज होने वालों की सूची में कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है। क्योंकि कांग्रेस के ही जिला अध्यक्ष पदम कोठारी के नाम को ही आमंत्रण में जगह नहीं मिली है। ऐसे में उनके समर्थक भी नाराज है, हालांकि सत्ता सरकार होने की वजह से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन पान ठोला-चाय दुकानों में दबी जुबान अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कलेक्टर राजनांदगाव की ओर से आमंत्रण पत्र प्रकाशित करवाया गया है। जिसमें जिले के तमाम जनप्रतिनिधियों को बतौर विशिष्ट अतिथि ससम्मान आमंत्रित किया गया है। जिसमें कुछ ऐसे भी नाम है जो निर्वाचित नहीं है।

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